“क्या होगा जब टेक्नोलॉजी आपकी यादों और भावनाओं को नियंत्रित करने लगे?”
“सिम्युला” सिर्फ़ एक डिजिटल प्रोजेक्ट नहीं है; यह एक ऐसा सिस्टम है, जो आपकी पहचान को बदलने और इंसानियत को नई परिभाषा देने के लिए बनाया गया है। जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमृता को पता चलता है कि एक सीक्रेट प्रोजेक्ट सिम्युला अब इंसानों को एक परफेक्ट डिजिटल दुनिया में बदलने की कोशिश कर रहा है, तो वह खुद को एक ऐसी जंग के बीच पाती है, जहाँ सबकुछ दांव पर है, उसकी यादें, उसकी भावनाएँ, और उसकी इंसानियत।
यह कहानी अमृता के सफ़र की है, जहाँ वह सिम्युला की परत-दर-परत गहराई में उतरती है। उसे हर उस चुनौती का सामना करना पड़ता है, जो उसकी कमज़ोरियों को उजागर करती हैं। लेकिन उसकी ताक़त क्या है? उसकी इंसानियत।
“प्रोजेक्ट सिम्युला” एक रोमांचक और विचारोत्तेजक कहानी है, जो आपको यह सोचने पर मजबूर करेगी:
- क्या हमारी भावनाएँ हमारी ताक़त हैं या हमारी कमज़ोरी?
- क्या टेक्नोलॉजी इंसानियत को बचा सकती है, या इसे मिटा देगी?
- और सबसे महत्वपूर्ण—क्या हम असली हैं, या हम सिर्फ़ डेटा हैं?
यह एक ऐसी यात्रा है, जो आपके दिल और दिमाग में सवाल पैदा करेगी, आपको इंसानियत की गहराई में झाँकने पर मजबूर करेगी, और यह सोचने पर छोड़ देगी कि हमारी असली पहचान क्या है।
“सिम्युला”—एक कहानी, जो आपको रोमांचित करने के साथ-साथ झकझोर देगी।
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